Bihar Hari Khad Yojana 2024 | बिहार हरी खाद योजना: मूंग और ढेंचा की खेती पर सरकार दे रही है 90% तक सब्सिडी, यहाँ से करें आवेदन

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Bihar Hari Khad Yojana 2024: बिहार में फिर से शुरू की गई हरी खाद योजना का उद्देश्य मूंग और ढैंचा जैसी हरी खाद वाली फसलों की खेती के लिए अनुदान देकर किसानों की मदद करना है। राज्य सरकार इन फसलों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करती है। बिहार के किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

Bihar Hari Khad Yojana 2024 के तहत ढैंचा बीज पर अनुदान प्राप्त करने के लिए, बिहार के निवासियों को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह योजना किसानों को ढैंचा की खेती के लिए सहायता प्रदान करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है, जो टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देती है। यदि आप बिहार के निवासी हैं और इस योजना के तहत सहायता चाहते हैं, तो यह लेख आपको आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी देगा, इसलिए अंत तक इसे जरूर पढ़ें।

Bihar Hari Khad Yojana 2024

बिहार राज्य सरकार ने बिहार खरे खाली योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने के लिए मूंग और ढैंचा जैसी जैविक फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत, मूंग की खेती करने वाले किसानों को 80% तक और ढैंचा की खेती पर 90% तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य के किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सरकार इस पहल के माध्यम से न केवल भूमि की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार करना चाहती है।

राज्य सरकार ने गर्मी के मौसम में 28,000 हेक्टेयर तक ढैंचा की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना के तहत किसान अधिकतम 20 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को 12 मई 2024 तक इस योजना के लिए आवेदन करना होगा, और 22 मई 2024 के बाद बीजों का वितरण शुरू किया जाएगा। यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो कृपया जल्द से जल्द आवेदन करें।

बिहार हरी खाद योजना 2024 का उद्देश्य 

बिहार सरकार की Bihar Hari Khad Yojana 2024 का प्राथमिक उद्देश्य राज्य के भीतर जैविक खेती को बढ़ावा देना है। मूंग और ढैंचा की खेती करके किसान जीवाश्म और कार्बनिक पदार्थ दोनों की उपस्थिति बढ़ाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकते हैं।

इस पहल के तहत, किसानों को ऑनलाइन आवेदन करके कम कीमत पर बीज प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होती है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार होता है। यह योजना बिहार में स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और किसानों की आजीविका में सुधार लाने के लक्ष्य के अनुरूप है।

ढैंचा क्या हैं?

ढैंचा की फसल एक किफायती और प्रभावी हरी खाद के रूप में काम करती है, जो मिट्टी को पर्याप्त नाइट्रोजन प्रदान करती है, जिससे बाद की फसलों में यूरिया की आवश्यकता कम हो जाती है। हरी खाद के माध्यम से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ने से पोषक तत्वों की संतुलित उपलब्धता होती है। इसके साथ ही, यह मिट्टी और जल संरक्षण को बढ़ावा देकर मिट्टी की उर्वरता को बेहतर बनाती है।

जब ढैंचा की फसल को खेत में मिलाकर विघटित किया जाता है, तो यह नाइट्रोजन, पोटाश, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, तांबा और लौह जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व जारी करती है। इस पोषक तत्वों से भरपूर प्रक्रिया से फसल की पैदावार बढ़ती है और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हो जाती है, जिससे कृषि की लागत में भी कमी आती है।

इस लाभकारी अभ्यास को सहज बनाने के लिए, कृषि विभाग हर साल खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले किसानों को पूर्व-उपचारित बीज प्रदान करता है। इससे टिकाऊ कृषि विधियों और लागत प्रभावी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा मिलता है।

बिहार हरी खाद योजना 2024 के लिए पात्रता मापदंड 

  • Bihar Hari Khad Yojana 2024 के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए आवेदकों को बिहार राज्य का निवासी होना चाहिए।
  • राज्य में रहने वाले सभी किसान इस योजना में भाग लेने के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
  • मूंग और ढैंचा फसल की खेती करने वाले किसान इस योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
  • इस योजना के तहत पात्रता के लिए आवेदक किसान का बैंक खाता उनके आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए।

Bihar Hari khad Yojana के लिए लगने वाले दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • आय प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • किसान रजिस्ट्रेशन नंबर
  • मोबाइल नंबर आदि।

बिहार हरी खाद योजना 2024 का फायदा क्या हैं?

इस योजना के तहत, प्रत्येक किसान को अधिकतम 20 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर तक प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बिहार सरकार योजना में भाग लेने वाले किसानों को होम डिलीवरी सेवाएँ भी प्रदान करती है। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए, किसानों को ऑनलाइन आवेदन करते समय होम डिलीवरी विकल्प का चयन करना होगा। इसके अलावा, यह योजना राज्यभर के किसानों को मूंग की खेती पर 80% सब्सिडी और ढैंचा की खेती पर 90% सब्सिडी प्रदान करती है।

Pm Kisan Tractor Yojana 2024

बिहार हरी खाद योजना 2024 के लिए अप्लाई कैसे करे?

हरी खाद योजना बिहार के तहत आवेदन करने के इच्छुक किसानों को नीचे दिए गए स्टेप बाय स्टेप चरणों का अनुसरण करना होगा –

  • सबसे पहले उम्मीदवार किसान को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना होगा जिसका डायरेक्ट लिंक https://brbn.bihar.gov.in/ है।
  • अधिकारीक वेबसाइट का होम पेज खुल कर आएगा जिसमें दिए गए “बीज आवेदन” के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • इतना करने के बाद एक नया वेब पेज ओपन हो जाएगा जहां किसान को अपना रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करके “सर्च” के बटन पर क्लिक करना होगा।
  • उसके बाद एक नया पेज ओपन हो जाएगा जिसमें योजना की समस्त जानकारी व दिशा निर्देश दिए गए होंगे और “अप्लाई” का ऑप्शन मिलेगा, इस पर क्लिक करना होगा।
  • अभी डिवाइस स्क्रीन पर आवेदन फार्म खुलकर आएगा जिसमें मांगे गए समस्त विवरण ध्यान पूर्वक दर्ज करने होंगे।
  • इतना करने के बाद आवश्यक दस्तावेजों को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा और सारी जानकारी पूरी जांच लेने के बाद “सबमिट” के बटन पर क्लिक करना होगा।
  • इस तरह आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आपको एक रसीद प्राप्त होगी जिसका आप प्रिंट आउट कर सकते हैं।

बिहार हरी खाद योजना 2024 में भाग लेने के लिए कौन पात्र है?

बिहार में रहने वाले सभी किसान Bihar Hari Khad Yojana 2024 में भाग लेने के पात्र हैं, हालांकि प्राथमिकता अक्सर छोटे और सीमांत किसानों को दी जाती है। ढैंचा बीज पर सब्सिडी और अन्य लाभ प्राप्त करने के लिए, किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बैंक खाते उनके आधार कार्ड से जुड़े हुए हैं और राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए नामित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा।

बिहार हरी खाद योजना 2024 के तहत किसान को क्या लाभ मिलता हैं?

Bihar Hari Khad Yojana 2024 में भाग लेने वाले किसान मूंग और ढैंचा जैसी हरी खाद वाली फसलों के बीज पर सब्सिडी सहित विभिन्न लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह योजना बीजों के लिए होम डिलीवरी सेवाएँ भी प्रदान करती है, जिससे किसानों के लिए बीजों तक पहुँच आसान और सुविधाजनक हो जाती है।

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